हनुमान चालीसा संभवतः भारतवर्ष का सबसे लोकप्रिय भजन हैं। आसेतुहिमालय आबालवृद्ध इस को गाते हैं। हनुमान चालीसा अवधि-ब्रज-संस्कृत भाषा में लिखी है। सीधे हिंदी भाषा में ना होनेपर भी गोस्वामीजी के इस असाधारण रचना ने अलौकिक लोकप्रियता प्राप्त की है। पर हनुमान चालीसा के माध्यम से गोस्वामीजी कुछ संदेश भी देते हैं। श्री प्रबोध चंद्रशेखर वेखंडे द्वारा हनुमान चालीसा के प्रत्येक दोहे का सविस्तार निरूपण कर कई प्रश्नों के उत्तर ढूँढने का प्रयास हुआ है। गोस्वामीजी द्वारा कुछ रहस्य उजागर हुए हैं जैसे,|
१) हनुमानजी से हमने प्रार्थना किस रूप में करनी चाहिए, किस प्रकार से प्रार्थना करनी चाहिए, और क्या प्रार्थना करनी चाहिए? जानिए इस सभी रहस्यों के विषय में विस्तार से।
२) क्या कारण है, अखंड भारत के अंश जो हमसे दूर हुए आज भी खंडित हो रहे हैं? हनुमानजी का क्या संबंध हैं अखंड भारत की सीमाओं से।
Shri Prabodh Chandrashekhar Vekhande, an exceptional teacher who beautifully demonstrates how the timeless wisdom of Rishi Sanskriti can illuminate and enrich our modern world. Our civilisation, our culture, our knowledge of our Devis and Devtas—all of this has been gifted to us by our Rishis. Shri Vekhande serves as a beacon of knowledge, making individuals and readers aware of how the teachings of our Rishis remain profoundly relevant in modern times.
Shri Vekhande’s journey is one that many will find inspiring. As a Professor of Computer Science, he has spent years nurturing young minds in the field. Yet, what makes him truly special is his dedication to preserving and sharing the spiritual treasures of our heritage. He is not just an academic but a passionate Jyotish scholar who has devoted considerable time to understanding the profound vigyan that our Rishis gifted us.
हनुमान चालीसा संभवतः भारतवर्ष का सबसे लोकप्रिय भजन हैं। आसेतुहिमालय आबालवृद्ध इस को गाते हैं। हनुमान चालीसा अवधि–ब्रज–संस्कृत भाषा में लिखी है। सीधे हिंदी भाषा में ना होनेपर भी गोस्वामीजी के इस असाधारण रचना ने अलौकिक लोकप्रियता प्राप्त की है। पर हनुमान चालीसा के माध्यम से गोस्वामीजी कुछ संदेश भी देते हैं। श्री प्रबोध चंद्रशेखर वेखंडे द्वारा हनुमान चालीसा के प्रत्येक दोहे का सविस्तार निरूपण कर कई प्रश्नों के उत्तर ढूँढने का प्रयास हुआ है। गोस्वामीजी द्वारा कुछ रहस्य उजागर हुए हैं जैसे,|
१) हनुमानजी से हमने प्रार्थना किस रूप में करनी चाहिए, किस प्रकार से प्रार्थना करनी चाहिए, और क्या प्रार्थना करनी चाहिए? जानिए इस सभी रहस्यों के विषय में विस्तार से।
२) क्या कारण है, अखंड भारत के अंश जो हमसे दूर हुए आज भी खंडित हो रहे हैं? हनुमानजी का क्या संबंध हैं अखंड भारत की सीमाओं से।
३) सूर्य की पाठशाला में हनुमानजी प्रवेश क्यों नहीं किए? प्रवेश किए बिना ही ज्ञान कैसे प्राप्त कर लिए? गोस्वामीजी ऐसे अनेक रहस्यों की ओर संकेत करते हैं। क्या हैं यह संकेत?
४) क्या है हनुमानजी की पूंछ का महत्व?
५) ज्ञान एवं गुण के सागर का क्या तात्पर्य है।
६) गोस्वामीजी द्वारा हनुमानजी को सबसे पहले रामदूत क्यों कहा गया?
७) शंकरजी की अर्ध प्रदक्षिणा का क्या आशय हैं, क्या आधार हैं?
८) हनुमानजी के अनेक नामों का रहस्य जानिए विस्तार से।
९) सीता अन्वेषण पर वारंवार गोस्वामीजी इतना आग्रही क्यों हैं।
१०) ऋषि संस्कृति में हनुमानजी का क्या स्थान तथा महत्व है।
११) महिलाओं के अस्मिता पर आघात होने का प्रतिशोध हनुमानजी इतिहास में पहिले और मात्र एक ही व्यक्ति कैसे बनें?
१२) क्या कारण हैं की ऋषियों ने हनुमानजी को महावीर संबोधित किया है।
१३) पवित्र अन्न तथा पवित्र जीवन से हनुमानजी के जीवन क्या परिवर्तन हुए?
१४) क्यों अर्पण करना हैं ऊँचे वस्त्र और अलंकार हनुमानजी को?
१५) हनुमानजी को गोस्वामीजी ब्राह्मण मानते हैं कि क्षत्रिय या वैश्य या क्षुद्र?
१५) यज्ञोपवीत का क्या है रहस्य?
१६) क्यों अर्जुन के रथ पर ध्वजा के रूप में स्थापित हुए हनुमानजी?
१७) क्या कारण है कि अथक परिश्रम करने पर भी कुछ दाम्पत्य गर्भ धारण नहीं कर पाते?
१८) हनुमानजी से क्या संबंध हैं इसका?
१९) ज्योतिषी से समय तय कर प्रसूति करना क्यों घातक हो सकता हैं? यह भी जानिए इस निरूपण में।
२०) क्यों है हनुमानजी विद्यावान–गुनी–अति–चातुर ?
यह भी जानिए प्रभु रामचंद्र ने अपने सामने हनुमानजी क्यों स्थान दिया?
२१) आम्र वृक्ष की लकड़ी पर ही क्यों करते हिंदू अंतिम संस्कार?
२२) किस प्रकार से माता सीता ने अपना सतीत्व बचाए रखा था?
२३) रावण ब्राह्मण होने पर भी वध्य क्यों था?
२४) पंचमुखी हनुमान का क्या हैं रहस्य?
२५) क्या है शवभक्षक तथा शाकभक्षक अग्नि ?
२६) कालचक्र के गति को विपरीत क्यों किया हनुमानजी ने?
२७) हनुमानजी को बालाजी क्यों कहते हैं?
२८) तिरूपति बालाजी और हनुमानजी में क्या संबंध हैं?
२९) प्रभु रामचंद्र हनुमानजी को भरत सम ही क्यों कहते हैं?
३०) क्यों कंठ लगाते हैं श्रीराम?
३१) दिवाली और हनुमानजी का क्या संबंध हैं? क्यों करनी चाहिए दिवाली के तिथि पर हनुमानजी की पूजा?
३२) संत शिरोमणि ज्ञानेश्वर महाराज और गोस्वामीजी में क्या साम्य है?
३३) क्यों डरते हैं भूत पिशाच हनुमानजी से?
आदि अनेक प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए अवश्य प्राप्त करें यह पुस्तक।